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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012


अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री श्री रामनारायण त्रिपाठी 'पर्यटक' का असाध्य कर्क रोग के कारण २९ जनवरी २०१२ को लखनऊ में देहावसान हो गया। श्री त्रिपाठी मासिक पत्रिका राष्ट्रधर्म के सह-संपादक, पत्रिका पुष्पवाटिका के परामर्शदाता तथा नवोदित साहित्यकरपरिषद् के संस्थापक थे.
श्री त्रिपाठी को २००७ में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् का राष्ट्रीय महामंत्री चुना गया था. २०११ में पुन: महामंत्री निर्वाचित हुए थे। श्री रामनारायण त्रिपाठी जी का निधन साहित्य परिषद् की अपूर्णीय क्षति है। परिषद् उन्हें अश्रुपूरित श्रधांजलि अर्पित करती है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. राम नरायण जी गये, लगा दुखद आघात;
    हाय विधाता खूब दी,तूने ये सौगात!
    तूने ये सौगात, रोग ऐसा दे डाला;
    जिसका यहाँ नहीं कोई उपचार निराला.
    कहें 'क्रान्त'अब करो सभी मिल यह पारायण;
    जिससे कर्म-रूप धर लौटें राम नरायण!!

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  2. राष्ट्रिय मंत्री श्री रामनारायण त्रिपाठी जी के निधन की अत्यंत दुखद वार्ता से मन व्यथित हुआ,,,

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